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Showing posts from September, 2021

Top 10 penny stocks in 2024

  Top 10 Penny Stocks in 2024 Penny stocks are typically associated with companies that have small market capitalizations, limited liquidity, and higher volatility. It's essential to conduct thorough research and consider consulting with a financial advisor before investing in penny stocks. Additionally, the performance of penny stocks can fluctuate significantly, and what may seem like a promising investment today could become highly volatile or even worthless in the future. That said, I can provide a list of penny stocks that have shown potential in 2024 based on various factors such as market trends, industry performance, and company developments. However, please remember that investing in penny stocks carries inherent risks, and these suggestions should not be considered as financial advice.  What are Penny Stocks? Penny stocks, typically defined as stocks trading at a low price per share, often garner attention from investors seeking high-risk, high-reward opportunities. These

Google Digital Marketing

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Advanced Pay Per Click-SkillUP by Simplilearn

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म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) में क्या एनएवी (Net Asset Value ) है ?

म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) में क्या एनएवी (Net Asset Value ) है ? यह समझना आपके लिए बहुत आवश्यक है यदि आप Mutual Fund म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं. जो लोग सी ध े तौर पर Share Bazar शेयर बाजार में निवेश नहीं करना चाहते हैं अथवा उन्हें शेयर बाजार की जानकारी नहीं है वे लोग Mutual Fund म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते हैं. Mutual Fund म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपका निवेश विशेषज्ञों के हाथ में रहता है और इस प्रकार आप शेयर बाजार में सीधे निवेश के रिस्क को कम कर सकते हैं. आज हम यहाँ सीखेंगे कि Mutual Fund म्यूच्यूअल फंड में NAV क्या होता है, इसको कैसे गिनते हैं और इसका क्या महत्व है. कैसे गिनते हैं Net Asset Value ? सीधे सीधे शाब्दिक अर्थ करें तो Net Asset Value, या NAV का अर्थ है कुल संपत्ति का मूल्य. किसी भी Mutual Fund म्यूचुअल फण्ड में नेट एसेट वैल्यू , या एनएवी का मतलब नकदी सहित पोर्टफोलियो के सभी शेयरों के बाजार मूल्य के कुल योग में से देनदारियों को घटाने के बाद बकाया जो भी बचे उसे इकाइयों की कुल संख्या से विभाजित करके प्राप्त किया जाता है. प्रतिदिन की जाती है गिनती Net

संस्कृति -अंग्रेजी कल्चर

  संस्कृति -अंग्रेजी कल्चर 💦💦💦💦 संस्कृति -अंग्रेजी कल्चर 💦💦💦💦 …संतान को दोष न दें… बालक को *’इंग्लिश मीडियम’ में पढ़ाया… ‘अंग्रेजी’ बोलना सिखाया… ‘बर्थ डे’ और ‘मैरिज एनिवर्सरी’ जैसे जीवन के ‘शुभ प्रसंगों’ को ‘अंग्रेजी कल्चर’ के अनुसार जीने को ही ‘श्रेष्ठ’ मानकर… माता-पिता को ‘मम्मा’ और ‘डैड’ कहना सिखाया… जब ‘अंग्रेजी कल्चर’ से परिपूर्ण बालक बड़ा होकर, आपको ‘ स मय’ नहीं देता, आपकी ‘भावनाओं’ को नहीं समझता, आप को ‘तुच्छ’ मानकर ‘जुबान लड़ाता’ है और आप को बच्चों में कोई ‘संस्कार’ नजर नहीं आता है, तब घर के वातावरण को ‘गमगीन किए बिना’… या… ‘संतान को दोष दिए बिना’… कहीं ‘एकान्त’ में जाकर ‘रो लें’… क्योंकि… पुत्र की पहली वर्षगांठ से ही, ‘भारतीय संस्कारों’ के बजाय ‘केक’ कैसे काटा जाता है ? सिखाने वाले आप ही हैं… ‘हवन कुण्ड में आहुति’ कैसे डाली जाए… ‘मंदिर, मंत्र, पूजा-पाठ, आदर-सत्कार के संस्कार देने के बदले,’… केवल ‘फर्राटेदार अंग्रेजी’ बोलने को ही, अपनी ‘शान’ समझने वाले आप… बच्चा जब पहली बार घर से बाहर निकला तो उसे ‘प्रणाम-आशीर्वाद’ के बदले ‘बाय-बाय’ कहना सिखाने वाले आप… परीक्षा देने जा

संस्कृति -अंग्रेजी कल्चर

💦💦💦💦  संस्कृति -अंग्रेजी कल्चर  💦💦💦💦 ...संतान को दोष न दें... बालक को *'इंग्लिश मीडियम' में पढ़ाया...  'अंग्रेजी' बोलना सिखाया... 'बर्थ डे' और 'मैरिज एनिवर्सरी' जैसे जीवन के 'शुभ प्रसंगों' को 'अंग्रेजी कल्चर' के अनुसार जीने को ही 'श्रेष्ठ' मानकर... माता-पिता को 'मम्मा' और 'डैड' कहना सिखाया... जब 'अंग्रेजी कल्चर' से परिपूर्ण बालक बड़ा होकर, आपको 'समय' नहीं देता, आपकी 'भावनाओं' को नहीं समझता, आप को 'तुच्छ' मानकर 'जुबान लड़ाता' है और आप को बच्चों में कोई 'संस्कार' नजर नहीं आता है, तब घर के वातावरण को 'गमगीन किए बिना'... या... 'संतान को दोष दिए बिना'... कहीं 'एकान्त' में जाकर 'रो लें'... क्योंकि... पुत्र की पहली वर्षगांठ से ही, 'भारतीय संस्कारों' के बजाय 'केक' कैसे काटा जाता है ? सिखाने वाले आप ही हैं... 'हवन कुण्ड में आहुति' कैसे डाली जाए...  'मंदिर, मंत्र, पूजा-पाठ, आदर-सत्कार के संस्कार देने के बदले,&#

How To Feel successful Life

  How To Feel successful Life        Thank you

Habits of Reading a Newspaper

  Today The Effects of Developing into the Habit of reading a newspaper will really help you in many ways which are described here. Today The Effects of Developing into the habit of reading a newspaper will really help you in many ways which are described here. We believe Nowadays Newspaper is the most important part of our lives. Still, many of us don’t think so for a number of excuses such as lack of motivation, feeling fatigued, not making out enough time or not at all find it interesting enough, or thinking that the news we get in our device is adequate, but actually, it isn’t. Compare the infor m ation from the newspaper and the one you receive on your device and you’ll understand what is being said. But, what if I tell you that it is the most important thing to do and even if I tell you about some alternatives later on but they will still not be enough in comparison to the advantage of actually reading the news from the newspaper. I have an addiction to reading a newspaper daily.

यह प्रशंसनीय कविता है

  यह प्रशंसनीय  कविता  है। हिन्दी वर्णमाला का क्रम से कवितामय प्रयोग-सराहनीय है। हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं *अ*  च ानक *आ* कर मुझसे *इ* ठलाता हुआ पंछी बोला *ई* श्वर ने मानव को तो *उ* त्तम ज्ञान-दान से तौला *ऊ* पर हो तुम सब जीवों में *ऋ* ष्य तुल्य अनमोल *ए* क अकेली जात अनोखी *ऐ* सी क्या मजबूरी तुमको *ओ* ट रहे होंठों की शोख़ी *औ* र सताकर कमज़ोरों को *अं* ग तुम्हारा खिल जाता है *अ:* तुम्हें क्या मिल जाता है.? *क* हा मैंने- कि कहो *ख* ग आज सम्पूर्ण *ग* र्व से कि- हर अभाव में भी *घ* र तुम्हारा बड़े मजे से *च* ल रहा है *छो* टी सी- टहनी के सिरे की *ज* गह में, बिना किसी *झ* गड़े के, ना ही किसी *ट* कराव के पूरा कुनबा पल रहा है *ठौ* र यहीं है उसमें *डा* ली-डाली, पत्ते-पत्ते *ढ* लता सूरज *त* रावट देता है *थ* कावट सारी, पूरे *दि* वस की-तारों की लड़ियों से *ध* न-धान्य की लिखावट लेता है *ना* दान-नियति से अनजान अरे *प्र* गतिशील मानव *फ़* रेब के पुतलो *ब* न बैठे हो समर्थ *भ* ला याद कहाँ तुम्हें *म* नुष्यता का अर्थ.? *य* ह जो थी, प्रभु की *र* चना अनुपम... *ला* लच-लोभ के *व* शीभूत होकर *श* र्म-धर्

*हिंदी*

*हिंदी* हमारी *हिंदी* राष्ट्र भाषा है *हिंदी* हिन्द देश की आन है *हिंदी* संस्कृत की लाडली बेटी है *हिंदी* ह ि ंदुस्तान की तो मातृभाषा है *हिंदी* हमारा मान,सम्मान,अभिमान है *हिंदी* हिंदुस्तान के माथे की तो बिंदी है यह *हिंदी* सुंदर, मीठी, सरल और सहज भाषा है *हिंदी* हम सबकी एकता की अनुपम परंपरा है *हिंदी* सब जन को एकसूत्र में पिरोने वाली डोर है *हिंदी* काल को जीत लिया वो कालजयी भाषा है *हिंदी* स्वतंत्रता की अलख जगाने वाली भाषा है *हिंदी* जिसके बिना हिंद थम जाए वो भाषा है *हिंदी* गुलामी की जंजीर तोड़ने वाली थी *हिंदी* हिंदुस्तान की तो जीवन रेखा है *हिंदी* वीर सपूतों की लाडली थी *हिंदी* स्वतंत्रता की कहानी है *हिंदी* पराई नहीं अपनी है *हिंदी* आपकी भी है *हिंदी* मेरी भी है *हिंदी* सबकी *हिंदी* हिंदी *हिंदी* *हिंदी* आज १४ सितंबर *विश्व हिंदी दिवस* की शुभकामना हमारी *हिंदी* राष्ट्र भाषा है *हिंदी* हिन्द देश की आन है *हिंदी* संस्कृत की लाडली बेटी है *हिंदी* ह ि ंदुस्तान की तो मातृभाषा है *हिंदी* हमारा मान,सम्मान,अभिमान है *हिंदी* हिंदुस्तान के माथे की तो बिंदी है यह *हिंदी* सुंदर, मीठी, सरल और

!! ताश का मर्म !!

  !! ताश का मर्म !! हम ताश खेलते है, अपना मनोरंजन करते है। पर शायद कुछ ही लोग जानते होंगे कि ताश का आधार वैज्ञानिक है व साथ साथ ही प्राकृति से भी जुड़ा हुआ है:- आयताकार मोंटे कागज़ से बने पत्ते चार प्रकार के …..ईंट, पान, चिड़ी, और हुक्म, प्रत्येक 13 पत्तों को मिलाकर कुल 52 पत्ते होते हैं। पत्ते…. एक्का से दस्सा, गुलाम, रानी एवं राजा । 1. 52 पत्ते …….52 सप्ताह 2. 4 प्रकार के पत्ते …….4 ऋतु 3. प्रत्येक रंग के 13 पत्ते….प्रत्येक ऋतु में 13 सप्ताह 4. सभी पत्तों का जोड़ ..1 से 13 = 91 × 4 = 364 5. एक जोकर….. 364+1= 365 दिन…1 वर्ष 6. दूसरा जोकर गिने..365 +1=366 दिन..लीप वर्ष 7. 52 पत्तों में 12 चित्र वाले पत्ते — 12 महिने 8. लाल और काला रंग … दिन और रात पत्तों का अर्थ:- 1 दुक्की — पृथ्वी और आकाश 2. तिक्की- ब्रम्हा, विष्णू, महेश 3. चौकी — चार वेद (अथर्व वेद, सामवेद, ऋग्वेद, अथर्ववेद) 4. पंजी — पंच प्राण (प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान) 5. छक्की — षड रिपू (काम, क्रोध, मद, मोह, मत्सर, लोभ) 6. सत्ती- सात सागर 7. अटठी- आठ सिद्धी 8. नव्वा- नौ ग्रह 9. दस्सी- दस इंद्रियां 10. गुलाम- मन की वासना 11.