निवेश के लिए महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंटस
पैन कार्ड
आपको पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए सबसे पहले किसी भी इच्छुक व्यक्ति के पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है। इसका फुल फॉर्म होता है परमानेंट एकाउंट नंबर। यह दस अंकों का एक महत्वपूर्ण नंबर होता है जिसे भारतीय आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। दरअसल, भारत में किसी भी वित्तीय लेनदेन के लिए यही पैन नंबर आवश्यक होता है। यदि आपका पैन कार्ड नहीं बना है तो अविलम्ब इसे बनवा लीजिए। अब इसे बनवाने के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन भी एनएसडीएल की वेबसाइट पर भेज सकते हैं।
केवाईसी (KYC) डॉक्यूमेंट
आपने देखा होगा कि बैंक भी अपने विभिन्न खातों के लिए एक निश्चित अंतराल पर केवाईसी करती है। इसका फुल फार्म होता है नो योर कस्टमर। इसके अंतर्गत किसी भी खाताधारक से उसके आधार कार्ड एवं अन्य एड्रेस प्रूफ के अपडेट्स मांगे जाते हैं जो केवाईसी डाक्यूमेंट्स कहलाते हैं।
इंटरनेट बैंकिंग
स्टॉक मार्केट से आप जो भी स्टॉक (शेयर) खरीदेंगे, उसका भुगतान करने के लिए आपको अपने ब्रोकर को पेमेंट देना होगा, क्योंकि आपका ब्रोकर ही आपके पैसे को शेयर बेचने वाले तक पहुंचाएगा और आपने जो भी शेयर ख़रीदा है, वह शेयर आपके डीमैट एकाउंट में जमा कर देगा। यही वजह है कि आपको अपने ब्रोकर को भुगतान करने के लिए अनिवार्य रूप से एक ऑनलाइन इन्टरनेट बैंकिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, जिसके माध्यम से आप अपने ब्रोकर को भुगतान (पेमेंट) दे सकें। लिहाजा, आपके सभी तरह के भुगतान का रिकॉर्ड रखने के लिए प्रत्येक स्टॉक ब्रोकर एक एकाउंट खोलता है, जिसे ट्रेडिंग एकाउंट कहते हैं। दरअसल, आपको कोई भी स्टॉक खरीदने के लिए सर्वप्रथम अपने इसी ट्रेडिंग एकाउंट में पैसे जमा करने होंगे, एवं शेयर बेचने पर आपका ब्रोकर इसी ट्रेडिंग एकाउंट में आपको शेयर के बदले पैसा जमा कर देंगा। इसी तरह आपकी शेयर्स की खरीद-बिक्री चलती रहेगी।
स्टॉक ब्रोकर का चयन
कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्षतः स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई या एनएसई) से स्टॉक खरीद या बेच नहीं सकता है। इसलिए स्टॉक एक्सचेंज तक हमारे स्टॉक खरीदने या बेचने के आर्डर को किसी स्टॉक ब्रोकर द्वारा ही पूरा किया जाता है। तभी तो शेयर खरीदने के लिए या स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए किसी को भी एक स्टॉक ब्रोकर की जरूरत होती है, जो एक ऐसी एजेंसी होती है जो स्टॉक एक्सचेंज पर स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए प्राधिकृत होती है।
डीमैट एकाउंट
किसी भी व्यक्ति द्वारा ख़रीदे गए शेयर को अपने पास रखने के लिए हमें अनिवार्य रूप से डीमैट एकाउंट की जरूरत होती है, जिसमें ख़रीदे गए शेयर (स्टॉक) इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा (क्रेडिट) रहते हैं, लेकिन जब इसे बेचा जाता है तो इसे बेचने पर भी इस अकाउंट से डेबिट कर दिए जाते हैं। प्रायः हरेक बार यही सिलसिला चलता रहता है।
ट्रेडिंग एकाउंट
किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने का काम ट्रेडिंग एकाउंट की मदद से ही किया जाता है जिसमें हमें एक यूजर आईडी और पासवर्ड मिलता है। प्रायः इसकी मदद से ही हम लोग स्टॉक ब्रोकर के सॉफ्टवेयर या सिस्टम का उपयोग करके कोई भी स्टॉक खरीदने अथवा बेचने का आर्डर देते हैं।
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