Top 10 Penny Stocks in 2024 Penny stocks are typically associated with companies that have small market capitalizations, limited liquidity, and higher volatility. It's essential to conduct thorough research and consider consulting with a financial advisor before investing in penny stocks. Additionally, the performance of penny stocks can fluctuate significantly, and what may seem like a promising investment today could become highly volatile or even worthless in the future. That said, I can provide a list of penny stocks that have shown potential in 2024 based on various factors such as market trends, industry performance, and company developments. However, please remember that investing in penny stocks carries inherent risks, and these suggestions should not be considered as financial advice. What are Penny Stocks? Penny stocks, typically defined as stocks trading at a low price per share, often garner attention from investors seeking high-risk, high-reward opportunities. ...
मसाले भारतीय
प्राचीनकाल के भारतीय मसाले औषध या महौषध में आते थे।इनको आयुर्वेदसे प्रमाणित कराकर जीवन की रक्षा और स्वास्थ्य की वृद्धि केलिए रसोईघरमें उतारा गया था।आज इन मसालों के कारण कोरोना महामारीसे बचने की अपूर्व क्षमता भारतीयों में स्वतः विकसित है।इन मसालों पर एक दृष्टि डालते हैं---
-१--हिंगु (हींग)- इसे सहस्रवेधि और रामठ कहते हैं।जोहजारों अवरोधोंको अपनी गंधसे भेददे उसे हींग कहते हैं। हींग का चोर आसानी से पकड़ा जाता है। उदर व्याधि में,वायुविकार शांति में इसकी भूमिका होती है।
-२-- मरीच(मरिच)। यह विष मारक मसाला है।अतः प्रायः इसे काढ़े में लिया जाता है।साथ ही शरीर में गर्मी उत्पन्न करने हेतु भी इसे लिया जाता है।अतः इसका एक नाम ऊषणं भी है।
-३-- जीरा को जीरक,जरण, अजाजी भी कहते हैं।यह आयु हीनता का नाशक है।यह काला और हल्के रंग का होता है।यह छौंक लगाने के काममें आता है।इसे खाने से अन्न का दोष दूर होता है।
-४-- अदरक को संस्कृत में आर्द्रकम् कहते हैं। अर्द्र हिंसा को कहतेहैं।जो कफ की हिंसा करदे वह अदरक है।
गुड़,अदरक,मरीच,घी को मिलाकर खाने से कफ का नाश होता है।
-५-- धान्यक को धनिया कहते हैं।हरी सुगंधित लत्तर है यह।इसे सब्जीमें डालनेसेएक मोहक सुगन्धि निकलती है।इससे मन्दाग्नि दूर होती है।
-६--शुण्ठी को बहुत कम लोग मसाले में उपयोग में लाते हैं।जो लोग इसे थोड़ा सा उपयोग में लाते हैं वे बहुत बड़े मर्मज्ञ होते हैं।इसे महौषध या विश्वभेषज कहा गया है।ऐसी उपाधि तो किसी मसाले को नहीं मिली।रोग पर शुण्ठ करना अर्थात प्रतिघात करना शुण्ठी का काम है।
-७--कांजीको महारस भी कहते हैं।अब इसकाप्रयोग कम हो गया है। गर्मी में इसे लेनेसे शरीर स्फूर्त रहता है।
-८-- हल्दी को हरिद्रा,वरवर्णिनी,पीता, काँचनी,निशा
भी कहते हैं।यह दाल और सब्जी में न पड़े तो भोजन को अशुभ या प्रेत खाद्य माना जाता है।प्रेतकर्म में जो भोजन पड़ताहै उसमें हल्दीनहीं पड़ती है।शुभकार्य हल्दी केबिना नहीं होता है।हाथ में हल्दी लगा कर पीला किया जाता है तब कन्या पति का वरण कर चुकी होती है।शरीर को चमका देने की क्षमता इसमें होती है। अतः इसे खाते भी हैं और शरीर में उबटन बना कर लगाते भी हैं।
-९-- लवण को नमक, सैन्धव , सिन्धुज,माणिमन्थ भी कहते हैं।यह शैलसे उत्पन्न होनेसे शैलेय भी कहलाता है।यह सांभरी अर्थात शाम्भर लवण भी कहलाता है।इसे स्वल्प खाने से रक्तशोधन तथा सौन्दर्य वर्धन होता है।इसे दान देने से सुंदरता की प्राप्ति होती है।मधुर लवण भी प्राचीन काल में मिलता था जिसे सौवर्चल या सौंचर कहा जाता था।
-१०-- शर्करा को सिता भी कहते हैं।यह भोजन में मिठास लाती है।यह पित्त को मारती है।कहीं कहीं इसे मिश्री भी कहते हैं।
-११-- मेथी को मेथिका भी कहते हैं।इसका लड्डू बहुत स्वादिष्ट बनता है।यह भी छौंक लगानेमें काम आती है।यह प्रमेह रोग को शांत करती है।
आगे वेसवार और शिखरिण बनाने की विधि पर चर्चा करेंगे।भीमसेन इन दोनों को बनाने में इतने दक्ष थे कि भगवान कृष्ण भी उंगली चाटने लगते थे।
मसाले भारतीय भोजन में अमृत स्वाद और रोग नाशक क्षमता लाने की गुणवत्ता रखते हैं।
पुरानी माताओं से पूछिए तो पता चलेगा कि किस राज्य में कौन से मसाले कैसे प्रयोग में लाये जाते हैं।
Thanks for Reading Have A Great Day
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