ऑनलाइन क्लासेस में टीचर ने बच्चों को कोरोना पर निबन्ध लिखने को बोला ।
एक बच्चे को सबसे ज्यादा नम्बर मिले उसका निबन्ध आप भी पढ़िए व आनंद ले ।
कोरोना एक नया त्यौहार है जो होली के बाद आता है । इसके आने पर बहुत सारे दिन की छुट्टियां हो जाती हैं । सब लोग थाली और ताली बजाकर और खूब सारे दिए जलाकर इस त्यौहार को शुरु करते हैं । हमारे देश का प्रधान मंत्री सवसे पहले थाली बजाता है ।
स्कूल और ऑफिस सब बंद हो जाते हैं, सब लोग मिलकर घर पर रहते हैं । मम्मी रोज़ नये फ़ूड बनाकर फेसबुक पर डिस्प्ले करती हैं । पापा बर्तन और झाड़ू पोछा करते हैं ।
कोरोना का त्यौहार मास्क पहन कर और नमस्ते करके मनाया जाता है ।
उसके अलावा एक कड़वा काढ़ा पीना भी ज़रुरी होता है, इस त्यौहार में नए कपडे़ नहीं पहने जाते । पापा कच्छा और बनियान पहनते हैं और मम्मी गाउन पहन कर ही इस त्यौहार को सेलिब्रेट करती हैं। इस त्योहार में हाथो को दिन में 10/20,बार धोना पडता है सेनिटाईजर किया जाता है। गर्म पानी का गारगिल ओर भाप भी लेना होता है बाकि त्यौहारो मे गले मिलना हाथ मिलाकर सेलिब्रेट किये जाते है लेकिन इस त्योहार मे एक दूसरे से दूरी बनाकर रखनी पडती है। बजाय खुशी के डर का माहौल रहता है। बाहर का खरीदा हर सामान साग सब्जी को धो कर एंव सूखे सामान को एक दिन रख कर दूसरे दिन काम में लिया जाता है।
इस से त्यौहार मे हमे सावधानियां रखना सिखाया जाता है।
इस त्योहार पर भक्तिकाल के कवियो ने इस प्रकार अपनी अभिव्यक्ति दी है।
रहीमदास
रहिमन घर से जब चलो, रखियो मास्क लगाय।
ना जाने किस वेश में मिले करोना आय।।
कबीरदास
कबीरा काढा पीजिए, काली मिरिच मिलाय।
रात दूध हल्दी पियो, सुबह पीजिए चाय।।
तुलसीदास
छोटा सेनिटाइजर, तुलसी रखिए जेब।
न काहू सो मागिहो, न काहू को देब।।
सूरदास
सूरदास घर मे रह्यो, ये है सबसे बेस्ट।
जर, जुकाम, सर्दी लगे, तुरत करालो टेस्ट।।
मलूकदास
बिस्तर पर लेटे रहो सुबह शाम दिन रात।
एक तो रोग भयंकरा ऊपर से बरसात।।
रहिमन वैक्सीन ढूंढिए,
बिन वैक्सीन सब सून,
वैक्सीन बिना ही बीत गए,
अप्रैल मई और जून...
कबीरा वैक्सीन ढूंढ़ लिया
लिया एक लगवाय
दूसरा डोज तब लगे जब
अठाईस दिन हो जाय
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