अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग कैसे करते है
यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपने अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग कैसे करते है| एक बार प्रोग्रामिंग हो जाने के बाद अवचेतन मन उसी के अनुसार कार्य करने लगता है — चाहे वह कार्य गलत हो या सही|
चेतन मन (Conscious Mind) को विचारों का चौकीदार या गेटकीपर भी कहा जा सकता है| दरअसल हमारा हर विचार एक बीज की तरह है और हमारा अवचेतन मन एक बगीचे की तरह है| हमारा चेतन मन यह निर्णय करता है कि अवचेतन मन में कौनसा बीज बौना है और कौनसा नहीं| हम कभी कभी अनजाने में अपने अवचेतन मन की गलत प्रोग्रामिंग कर देते है — जैसे अगर मैं यह सोचता हूँ आज मैं यह लेख नहीं लिखूंगा तो यह छोटा सा विचार धीरे धीरे मेरे कार्य को कल पर टालने की आदत बन सकता है|
गहन चिंतन और मैडिटेशन के द्वारा हम अवचेतन मन की Reprogramming करके इसमें इन्स्टाल किए हुए गलत सॉफ्टवेयर को धीरे-धीरे डिलीट कर सकते है|
हमारे जीवन के एक महत्वपूर्ण भाग को “अवचेतन मन” नाम का रोबोट नियंत्रित करता है और यह रोबोट, चेतन मन द्वारा की गयी प्रोग्रामिंग से नियंत्रित होता है| इस रोबोट की प्रोग्रामिंग विचार रुपी बीज से होती है, इसलिए सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम कौनसे विचार चुनते है और अपने अवचेतन मन में किस तरह के सॉफ्टवेयर इंस्टाल करते है|
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