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Showing posts from October, 2021

Top 10 penny stocks in 2024

  Top 10 Penny Stocks in 2024 Penny stocks are typically associated with companies that have small market capitalizations, limited liquidity, and higher volatility. It's essential to conduct thorough research and consider consulting with a financial advisor before investing in penny stocks. Additionally, the performance of penny stocks can fluctuate significantly, and what may seem like a promising investment today could become highly volatile or even worthless in the future. That said, I can provide a list of penny stocks that have shown potential in 2024 based on various factors such as market trends, industry performance, and company developments. However, please remember that investing in penny stocks carries inherent risks, and these suggestions should not be considered as financial advice.  What are Penny Stocks? Penny stocks, typically defined as stocks trading at a low price per share, often garner attention from investors seeking high-risk, high-reward opportunities. These

स्वीकार करने की हिम्मत

                      स्वीकार करने की हिम्मत स्वीकार करने की हिम्मत                       और       सुधार करने की नीयत हो                        तो     इंसान बहुत कुछ सीख सकता है।     हमको कितने लोग पहचानते है ?             उसका महत्व नहीं है,        लेकिन क्यों पहचानते है..?                 इसका महत्व है. धन्यवाद

अच्छे किरदार अच्छी सोच वाले लोग

  अच्छे किरदार अच्छी सोच वाले लोग अच्छे किरदार,             अच्छी सोच वाले लोग, हमेशा साथ रहते हैं ।            दिलों में भी, लफ्ज़ों में भी और दुआओं में भी ।  तारीफ चरित्र कि होनी चाहिये, चित्रो की नहीं, क्योंकि चित्र बनाने में कुछ दिन लगते हैं, चरित्र बनाने में पुरी जिंदगी..! आज इन्सान के पास,.... ..... ईमेल है.....लेकिन... इन्सान का इन्सान से...,       कोई मेल नही है..!!!    मित्रता कोई स्वार्थ नहीं,       बल्कि एक विश्वास है.. जहाँ सुख में हँसी,      मज़ाक से लेकर, संकट में साथ देने की     जिम्मेदारी भी होती है..  नमक जैसा बनाइये अपना व्यक्तित्व आपकी उपस्थिति का भले ही पता न चले पर अनुपस्थिति का अहसास अवश्य होना चाहिये  धन्यवाद

हौसले

                         हौसले भी...       किसी वैद्य से कम नहीं होते हैं...       हर तकलीफ में,       ताक़त की दवा देते हैं .!! सच्चे साथ देने वालों की  बस एक ही निशानी है..  कि.... वो ज़िक्र नही करते.........! हमेशा फिक्र करते है..! धन्यवाद

पाणिग्रहण विवाह एक संस्कार

                            पाणिग्रहण का अर्थ  पाणिग्रहण संस्कार को सामान्य रूप से 'विवाह' के नाम से जाना जाता है। वर द्वारा नियम और वचन स्वीकारोक्ति के बाद कन्या अपना हाथ वर के हाथ में सौंपे और वर अपना हाथ कन्या के हाथ में सौंप दे। इस प्रकार दोनों एक-दूसरे का पाणिग्रहण करते हैं। कालांतर में इस रस्म को 'कन्यादान' कहा जाने लगा, जो कि अनुचित है।   नीचे लिखे मंत्र के साथ कन्या अपना हाथ वर की ओर बढ़ाए, वर उसे अंगूठा सहित (समग्र रूप से) पकड़ ले। भावना करें कि दिव्य वातावरण में परस्पर मित्रता के भाव सहित एक-दूसरे के उत्तरदायित्व को स्वीकार कर रहे हैं।   ॐ यदैषि मनसा दूरं, दिशोऽ नुपवमानो वा। हिरण्यपणोर् वै कर्ण, स त्वा मन्मनसां करोतु असौ।। -पार.गृ.सू. 1.4.15  विवाह का अर्थ   विवाह को शादी या मैरिज कहना गलत है। विवाह का कोई समानार्थी शब्द नहीं है। विवाह= वि+वाह, अत: इसका शाब्दिक अर्थ है- विशेष रूप से (उत्तरदायित्व का) वहन करना।  विवाह एक संस्कार  अन्य धर्मों में विवाह पति और पत्नी के बीच एक प्रकार का करार होता है जिसे कि विशेष परिस्थितियों में तोड़ा भी जा सकता है, लेकिन हिन्दू

सभी संसार के सम्मानित पिता को समर्पित

               पता नहीं क्यों पिताजी हमेशा पिछड़ रहे हैं  (1) 🙏माँ की तपस्या 9 महीने की होती है! पिताजी की तपस्या 25 साल तक होती हैं, दोनों बराबर हैं, मगर फिर भी पता नहीं क्यों पिताजी पिछड़ रहे हैं।  (2)🙏माँ परिवार के लिए भुगतान किए बिना काम करती है, पिताजी भी अपना सारा वेतन परिवार के लिए ही खर्च करते हैं, उनके दोनों के प्रयास बराबर हैं, फिर भी पता नहीं क्यों पिताजी पिछड़ रहे हैं।  (3)🙏माँ आपको जो चाहे पकाती है, पिताजी भी आप जो भी चाहते हैं, खरीद देते हैं, प्यार दोनों का बराबर है, लेकिन माँ का प्यार बेहतर है।  पता नहीं क्यों पिताजी पिछड़ रहे हैं। ( 4) 🙏जब आप फोन पर बात करते हैं, तो आप पहले मॉ से बात करना चाहते हैं, अगर आपको कोई चोट लगी है, तो आप 'मॉ' का रोना रोते हैं।  आपको केवल पिताजी की याद होगी जब आपको उनकी आवश्यकता होगी, लेकिन पिताजी को कभी बुरा नहीं लगता कि आप उन्हें सदैव और हर बार याद नहीं करते?  जब पीढ़ियों के लिए बच्चों से प्यार प्राप्त करने की बात आती है, तो कोई यह नहीं जानता कि पिताजी क्यों पिछड़ रहे हैं।  (5)🙏अलमारी बच्चों के लिए रंगीन कपड़ो व साड़ियों और कई कपड़

अलसी के लड्डू खाइए और स्वस्थ एवं निरोग रहिए

  जाड़ों में अलसी के लड्डू खाइए और स्वस्थ एवं निरोग रहिए ! अलसी के बारे में सभी जानते हैं, इसको पाउडर के रूप में लड्डू के रूप में जाड़ा में प्रयोग किया जाता है , जो इंसानियत के लिए एक वरदान है, तमाम बीमारियों को एक चुटकी दूर में दूर सकती है, अलसी !  इसलिए निसंदेह नियमित रूप से अलसी खाने से साइटिका, नस का दबना, घुटनों और जोड़ों के दर्द की समस्या में आराम मिलता है, ह्रदय रोग कोलेस्ट्रॉल में फायदा !  यह  भूरे-काले रंग के यह छोटे छोटे बीज, हृदय रोगों से आपकी रक्षा करते हैं। इसमें उपस्थित घुलनशील फाइबर्स, प्राकृतिक रूप से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम करता है। इससे हृदय की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल घटने लगता है, और रक्त प्रवाह बेहतर होता है, नतीजतन हार्ट अटैक की संभावना नहीं के बराबर होती है । खून में जाके नहीं जमने देगी ! अलसी में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो रक्त प्रवाह को बेहतर कर, खून के जमने या थक्का बनने से रोकता है, जो हार्ट-अटैक का कारण बनता है। यह रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है।   शरीर में बसा नहीं होने देगी ! यह शरीर के अति

वरिष्ठ नागरिकों के लिए

  उधार का ज्ञान वरिष्ठ नागरिकों के लिए जब आप बूढ़े हो जाते हैं, तो किसी को कुछ भी न सिखाएं, जब तक कि अनुरोध न किया जाए, भले ही आप सुनिश्चित हों कि आप सही हैं। जब तक मांगा न जाए तब तक मदद करने की कोशिश न करें। बस तैयार रहें और यदि संभव हो तो इसके लिए उपलब्ध रहें। ️ हर समय अनचाही राय न दें। ️यह उम्मीद न करें कि हर कोई आपकी राय का पालन करेगा, भले ही आपको लगता है कि आपकी राय सबसे अच्छी थी... किसी विषय पर खुद को किसी पर थोपें नहीं। अपने प्रियजनों को दुनिया के सभी दुर्भाग्य से बचाने की कोशिश न करें। बस उन्हें प्यार करो और उनके लिए प्रार्थना करो। अपने स्वास्थ्य, अपने पड़ोसियों, अपनी सेवानिवृत्ति, अपनी समस्याओं के बारे में हर समय शिकायत न करें। बच्चों से कृतज्ञता की अपेक्षा न करें। कृतघ्न बच्चे नहीं होते, मूर्ख माता-पिता ही होते हैं, जो अपने बच्चों से कृतज्ञता की अपेक्षा करते हैं। उम्र-विरोधी उपचारों पर अपना अंतिम पैसा बर्बाद न करें। यह किसी काम का नहीं। बेहतर होगा कि इसे यात्रा पर खर्च करें। यह हमेशा इसके लायक है। अपने जीवनसाथी का ख्याल रखें, भले ही वह झुर्रीदार, असहाय और मूडी बूढ़ा हो जाए। य

गीता पढ़ने के फायदे

                                                                गीता पढ़ने के फायदे  गीता पढ़ने  के लिए एक साफ कंबल, ऊनी कालीन, फर के आसन आदि  पर  बैठना चाहिए।  जिस आसन  पर  बैठकर  गीता  पढ़ते हैं उसे रोजाना नहीं बदलना चाहिए। अध्याय शुरू करने से पहले  भगवान  गणेश और श्रीकृष्ण के किसी भी मंत्र को पढ़ना चाहिए।  इसके लिए मंत्र को अर्थ   सहित याद कर लेना चाहिए। गीता पहली बार पढ़ने पर समझ नहीं आती। गीता दूसरी बार पढ़ने पर कुछ कुछ समझ आती है। गीता तीसरी बार पढ़ने पर समझ आने लगती है। गीता चौथी बार पढ़ने पर पूरी समझ आने लगती है। गीता पांचवी बार पढने पर ज्ञान देने लगती है। गीता छठी बार पढ़ने पर कर्म के महत्व को समझाती है। गीता सातवीं बार पड़ने पर घर के सारे क्लेश दूर कर देती है। गीता आठवीं बार पढ़ने पर सारे विघ्न दूर कर देती है। गीता नौवीं बार पढ़ने पर पूरे घर को समृद्ध बना देती है। गीता दसवीं बार पढ़ने पर आपको पूर्ण ज्ञानी बना देती है। गीता 11 बार पढ़ने पर आपको बहुत बड़ा व्यवसायी बना देती है। गीता 12वीं बार पढने पर आपको कृष्ण के समान चतुर बना देती है। गीता 13वीं बार पढ़ने पर आपको एक कुशल वक्त